(1) आशापुरी माता :- मंडूर जालौर में ।
जालोर के सोनगरा चौहानो की कुल देवी है ।
इनको मोदरा माता अर्थात महोदरी या बड़े उदर वाली माता के नाम से भी जाना जाता है ।
(2) सकराय माता :- मन्दिर सीकर में मलयकेतु पर्वत पर ,मन्दिर में महिषासुर मर्दिनी की प्रतिमा ।
अन्य नाम शाकम्भरी माता।
खण्डेलवालो की कुल देवी ।
अन्य मन्दिर साम्भर इर सहारनपुर में ।
मेला कि चैत्र व अश्विन माह में नवरात्र को ।
(3) सचिया माता :- मंदिर जोधपुर में ओसियां में जिसका निर्माण परमार नरेश उपलदेव द्वारा ।
इनको सच्चिका माता भी कहते है।
ओसवालों की कुल देवी ।
(4) सुंधा माता :- मंदिर जालोर में जसवंत गढ़ कस्बे सुंगधाद्री पर्वत पर ।
(5)केवाय माता :- मंदिर नागौर के किनसरिया गांव में ।
(6) ब्रामणी माता :- मंदिर बांरा के सोरन्सर गांव में।
इस देवी की पीठ की पूजा तथा श्रंगार किया की जाती है। भक्त गण देवी के पीठ के ही दर्शन करते है।
मेला माघ शुक्ला सप्तमी को गधों का मेला भरता है ।
(7)नकटी माता :- मंदिर जयपुर के भवानीपुर जिले में प्रतिहार कालीन मंदिर ।
(8)जिलाणी माता :- मन्दिर अलवर के बहरोड़ कस्बे में ।
(9)बड़ली माता :- मंदिर चित्तौड़गढ़ में छिपो के अंकोला में बेड़च नदी के किनारे ।
इस मंदिर हेतु प्रचलित है की यहां की दो तिबारी में से बीमार बच्चे को निकाला जाए तो उसकी बीमारी ठीक हो जाती है।
(10)लटियाल माता :- मन्दिर फलोदी ।
कल्लो की कुल देवी । इनके भक्त इनको खेजड़बरी राय भवानी भी कहते है।
(11)नारायणी माता :-मंदिर अलवर की राजगढ़ तहसील में बरवा डूंगरी की तलहटी में ।
नाई जाति की कुल देवी ।
(12)घेवर माता :- मंदिर राजसमंद झील की पाल पर।
(13) बाण माता :- मन्दिर उदयपुर । सिसोदियो की कुल देवी।
(14)ज्वाला माता :- मन्दिर जोबनेर। खँगारोतो की कुल देवी।
(15)भदाणा माता :- मंदिर भदाणा कोटा ।यह मुठ से पीड़ित व्यक्ति का इलाज होता है।
(16) आवरी माता :- मंदिर निकुम्भ चित्तौड़गढ़। लकवे का इलाज किया जाता है।
(17) तनोटिया देवी :- मन्दिर तनोट जैसलमेर । राज्य में सेना के जवान इस देवी की पूजा करते है। इसे थार की वैष्णो देवी भी कहते है ।
(18) खोडियार माता :- मंदिर खोड़ाल लोंगीवाला जैसलमेर।
(19)त्रिपुरा सुंदरी :- मन्दिर तलवाड़ा बांसवाड़ा। इसमे देवी की 18 भुजाओ वाली काले पत्थर की मूर्ति है।
(20)क्षेमकरी माता :- मन्दिर भीनमाल जालौर ।
(21)छिंछ माता :- मन्दिर बांसवाड़ा।
(22) चारभुजा देवी :- मन्दिर खमनोर हल्दीघाटी ।
(23) दधिमती माता :- मन्दिर गोठ मांगलोद नागौर । दाधीच ब्रामणो की आराध्य देवी ।
(24)जोगणिया माता :- मंदिर भीलवाड़ा।
(25)हिंगलाज माता :- मंदिर नारलाई जोधपुर व लौद्रवा जैसलमेर।
(26)चौथ माता :- मंदिर चौथ का बरवाड़ा सवाई माधोपुर ।
(27)भांवल माता :- भांवल गांव मेड़ता नागौर।
(28)अधर देवी :- माउण्ट आबू सिरोही।
जालोर के सोनगरा चौहानो की कुल देवी है ।
इनको मोदरा माता अर्थात महोदरी या बड़े उदर वाली माता के नाम से भी जाना जाता है ।
(2) सकराय माता :- मन्दिर सीकर में मलयकेतु पर्वत पर ,मन्दिर में महिषासुर मर्दिनी की प्रतिमा ।
अन्य नाम शाकम्भरी माता।
खण्डेलवालो की कुल देवी ।
अन्य मन्दिर साम्भर इर सहारनपुर में ।
मेला कि चैत्र व अश्विन माह में नवरात्र को ।
(3) सचिया माता :- मंदिर जोधपुर में ओसियां में जिसका निर्माण परमार नरेश उपलदेव द्वारा ।
इनको सच्चिका माता भी कहते है।
ओसवालों की कुल देवी ।
(4) सुंधा माता :- मंदिर जालोर में जसवंत गढ़ कस्बे सुंगधाद्री पर्वत पर ।
(5)केवाय माता :- मंदिर नागौर के किनसरिया गांव में ।
(6) ब्रामणी माता :- मंदिर बांरा के सोरन्सर गांव में।
इस देवी की पीठ की पूजा तथा श्रंगार किया की जाती है। भक्त गण देवी के पीठ के ही दर्शन करते है।
मेला माघ शुक्ला सप्तमी को गधों का मेला भरता है ।
(7)नकटी माता :- मंदिर जयपुर के भवानीपुर जिले में प्रतिहार कालीन मंदिर ।
(8)जिलाणी माता :- मन्दिर अलवर के बहरोड़ कस्बे में ।
(9)बड़ली माता :- मंदिर चित्तौड़गढ़ में छिपो के अंकोला में बेड़च नदी के किनारे ।
इस मंदिर हेतु प्रचलित है की यहां की दो तिबारी में से बीमार बच्चे को निकाला जाए तो उसकी बीमारी ठीक हो जाती है।
(10)लटियाल माता :- मन्दिर फलोदी ।
कल्लो की कुल देवी । इनके भक्त इनको खेजड़बरी राय भवानी भी कहते है।
(11)नारायणी माता :-मंदिर अलवर की राजगढ़ तहसील में बरवा डूंगरी की तलहटी में ।
नाई जाति की कुल देवी ।
(12)घेवर माता :- मंदिर राजसमंद झील की पाल पर।
(13) बाण माता :- मन्दिर उदयपुर । सिसोदियो की कुल देवी।
(14)ज्वाला माता :- मन्दिर जोबनेर। खँगारोतो की कुल देवी।
(15)भदाणा माता :- मंदिर भदाणा कोटा ।यह मुठ से पीड़ित व्यक्ति का इलाज होता है।
(16) आवरी माता :- मंदिर निकुम्भ चित्तौड़गढ़। लकवे का इलाज किया जाता है।
(17) तनोटिया देवी :- मन्दिर तनोट जैसलमेर । राज्य में सेना के जवान इस देवी की पूजा करते है। इसे थार की वैष्णो देवी भी कहते है ।
(18) खोडियार माता :- मंदिर खोड़ाल लोंगीवाला जैसलमेर।
(19)त्रिपुरा सुंदरी :- मन्दिर तलवाड़ा बांसवाड़ा। इसमे देवी की 18 भुजाओ वाली काले पत्थर की मूर्ति है।
(20)क्षेमकरी माता :- मन्दिर भीनमाल जालौर ।
(21)छिंछ माता :- मन्दिर बांसवाड़ा।
(22) चारभुजा देवी :- मन्दिर खमनोर हल्दीघाटी ।
(23) दधिमती माता :- मन्दिर गोठ मांगलोद नागौर । दाधीच ब्रामणो की आराध्य देवी ।
(24)जोगणिया माता :- मंदिर भीलवाड़ा।
(25)हिंगलाज माता :- मंदिर नारलाई जोधपुर व लौद्रवा जैसलमेर।
(26)चौथ माता :- मंदिर चौथ का बरवाड़ा सवाई माधोपुर ।
(27)भांवल माता :- भांवल गांव मेड़ता नागौर।
(28)अधर देवी :- माउण्ट आबू सिरोही।
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